अटल प्रोग्रेस-वे प्रोजेक्ट अब हुआ भारत माला फेज-1 का हिस्सा, केंद्र का फैसला, जानें डिटेल्स
Atal Progress-Way Project: चंबल संभाग के भिण्ड मुरैना एवं श्योपुर जिलों से होते हुए यह पूरी तरह नया एक्सप्रेस-वे मध्य प्रदेश में 404 किलोमीटर लंबाई का होगा,
एक्सप्रेस-वे के बनने में आने-जाने में लगने वाला 11 घंटे का समय घटकर 6 घंटे तक हो जाएगा. (pib)
एक्सप्रेस-वे के बनने में आने-जाने में लगने वाला 11 घंटे का समय घटकर 6 घंटे तक हो जाएगा. (pib)
Atal Progress-Way Project : केंद्र सरकार के राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क परिवहन मंत्रालय (National Highways Ministry of Road Transport) ने गुरुवार को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की महत्वाकांक्षी अटल प्रोग्रेस-वे प्रोजेक्ट (Atal Progress-Way) को भारत माला फेज-1 (Bharat Mala Phase-I) में शामिल करने की स्वीकृति जारी कर दी है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, मध्य प्रदेश लोकनिर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मण्डलोई ने बताया कि चंबल संभाग के भिण्ड मुरैना एवं श्योपुर जिलों से होते हुए यह पूरी तरह नया एक्सप्रेस-वे मध्य प्रदेश में 404 किलोमीटर लंबाई का होगा, जो पूर्व में झांसी (उत्तर प्रदेश) से और पश्चिम में कोटा (राजस्थान) से जोड़ते हुए तैयार किया जाएगा.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जताया आभार
खबर के मुताबिक, इसी बीच, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) जनसंपर्क विभाग की तरफ से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने अटल प्रोग्रेस-वे के भारतमाला फेज-1 में शामिल किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी का आभार जताया है.
11 घंटे का समय घटकर 6 घंटे तक हो जाएगा
चौहान ने कहा कि अटल प्रोग्रेस-वे ग्वालियर-चबंल संभाग के विकास की जीवन रेखा साबित होगी. इस 404 किलोमीटर लंबाई के एक्सप्रसे-वे के आसपास इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर का निर्माण कराया जाएगा. यह क्षेत्र के आर्थिक विकास की खास कड़ी बनेगी. इस रूट के बनने से झांसी (उत्तर प्रदेश) से कोटा (राजस्थान) का एक प्रमुख नया रूट जुड़ेगा, जो मध्य प्रदेश के तीन जिलों को फायदा पहुंचाएगा. इन दोनों बिन्दुओं की दूरी में भी करीब 50 किलोमीटर की बचत होगी. इस एक्सप्रेस-वे के बनने में आने-जाने में लगने वाला 11 घंटे का समय घटकर 6 घंटे तक हो जाएगा.
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करीब 7000 करोड़ रुपये का खर्च होने का अनुमान
चंबल नदी के किनारे-किनारे बनाए जाने वाले इस नए एक्सप्रेस-वे में मध्य प्रदेश शासन ने औद्योगिक, व्यावसायिक और अलग-अलग प्रकार की गतिविधियों में निवेश आमंत्रित करने के लिए एडवांस तैयारी की है. एक्सप्रेस-वे में लगने वाली पूरी भूमि राज्य शासन द्वारा अपने खर्च पर उपलब्ध कराई जा रही है. इस परियोजना पर करीब 7000 करोड़ रुपये का खर्च होने का अनुमान है. इस एक्सप्रेस-वे को सात विभिन्न पैकेजों के माध्यम से बनाए जाने की तैयारी है.
11:45 PM IST